अमेरिका की ट्रंप सरकार ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को एक सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि वह 30 दिनों के भीतर तय मानकों का पालन करे, वरना यूनिवर्सिटी का विदेशी छात्रों को दाखिला देने का अधिकार खत्म कर दिया जाएगा।
अमेरिकी इमिग्रेशन विभाग के तहत आने वाली एजेंसी ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट) ने हार्वर्ड को यह नोटिस भेजा है, जिसमें कहा गया है कि स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विज़िटर प्रोग्राम (SEVP) के तहत उनकी मान्यता रद्द की जा सकती है। हालांकि यूनिवर्सिटी को अपने पक्ष में दस्तावेज़ और स्पष्टीकरण देने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।
नोटिस में साफ तौर पर लिखा गया है कि, “यह नोटिस मिलने की तारीख से अगली 30 कैलेंडर दिनों के अंदर, यूनिवर्सिटी को शपथपत्र के साथ ठोस सबूत जमा करने होंगे, जिनसे यह साबित हो कि क्यों उनका सर्टिफिकेशन रद्द नहीं किया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें विदेशी छात्रों को दाखिला देने और पढ़ाने की अनुमति नहीं रहेगी।”
इस विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने हार्वर्ड पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि यूनिवर्सिटी ने कैंपस में हिंसा, यहूदी-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध रखे। इन आरोपों के बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी का SEVP सर्टिफिकेशन रद्द करने का आदेश जारी किया।
हार्वर्ड ने सरकार के इस कदम को चुनौती देते हुए कोर्ट का रुख किया है। उनका कहना है कि यह फैसला राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है और छात्रों को इसके ज़रिए निशाना बनाया जा रहा है। अदालत ने फिलहाल यूनिवर्सिटी को राहत देते हुए सर्टिफिकेशन रद्द करने की कार्रवाई पर अस्थायी रोक लगा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होनी है।
गौरतलब है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इस समय लगभग 6,800 अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ रहे हैं, जो कुल छात्र संख्या का करीब 27 प्रतिशत हिस्सा हैं।
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