मोदी का सबसे लंबा विदेश दौरा शुरू – 5 देश, 8 दिन, भारत की नई कूटनीतिक कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अहम राजनयिक मिशन पर निकल पड़े हैं। 2 जुलाई से 9 जुलाई तक, वे लगातार 5 देशों की यात्रा करेंगे — ये सिर्फ एक सामान्य विदेश दौरा नहीं है, बल्कि भारत की नई वैश्विक रणनीति का संकेत भी है।

यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि बीते 10 सालों में प्रधानमंत्री का यह सबसे लंबा विदेशी दौरा है। पांच अलग-अलग संस्कृतियों, महाद्वीपों और राजनीतिक पृष्ठभूमियों के बीच भारत की मौजूदगी मजबूत करने का यह बड़ा प्रयास है।

1️⃣ घाना – अफ्रीका में भारत की नई पहल

पीएम मोदी की यात्रा घाना से शुरू होती है।
यह दौरा ऐतिहासिक है क्योंकि किसी भारतीय प्रधानमंत्री की घाना में तीन दशक बाद पहली आधिकारिक यात्रा है।

यहां मोदी एक वैक्सीन निर्माण केंद्र की स्थापना में भारत की भूमिका को समर्थन देंगे। इसके साथ ही वे घाना की संसद को भी संबोधित करेंगे — एक ऐसा मंच, जहां भारत की सोच और सहयोग की भावना खुलकर रखी जाएगी।

2️⃣ त्रिनिदाद एंड टोबैगो – 25 साल बाद रिश्तों में नई गर्माहट

दूसरा पड़ाव है त्रिनिदाद एंड टोबैगो
यहां पीएम मोदी को आमंत्रण मिला है प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर की ओर से। पिछले 25 वर्षों में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है।

त्रिनिदाद में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं, और पीएम मोदी उनके लिए उम्मीद और सम्मान की आवाज़ बनकर पहुंचेंगे।
वहां की संयुक्त संसद को संबोधित करना, इस दौरे की अहम उपलब्धियों में गिना जाएगा।

3️⃣ अर्जेंटीना – सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे

तीसरे देश अर्जेंटीना में पीएम मोदी की मुलाकात होगी राष्ट्रपति जेवियर मिलई से। यह दौरा भारत-अर्जेंटीना रिश्तों के नए दौर की शुरुआत है।

बातचीत के मुख्य विषय होंगे:

  • रक्षा उपकरण और रणनीतिक सहयोग
  • कृषि, खनिज संसाधन और ऊर्जा का आदान-प्रदान
  • नवीकरणीय ऊर्जा और व्यापार निवेश के क्षेत्र में साझेदारी

यह भारत की लैटिन अमेरिका नीति के लिहाज़ से बेहद अहम पड़ाव है।

4️⃣ ब्राज़ील – BRICS सम्मेलन में भारत की बड़ी भूमिका

इसके बाद पीएम मोदी ब्राज़ील जाएंगे, जहां वे BRICS 2025 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
यह मोदी का ब्राज़ील का चौथा दौरा है, लेकिन इस बार चर्चा के केंद्र में होगा आतंकवाद

हाल ही में हुए पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र इस मंच से किया जाएगा। उम्मीद है कि BRICS देशों का साझा बयान आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देगा।

5️⃣ नामीबिया – भारत की डिजिटल शक्ति का विस्तार

दौरे का आखिरी चरण होगा नामीबिया, जहाँ पीएम मोदी राष्ट्रपति नेतुम्बो नांदी-नदैतवाह से मिलेंगे और संसद को संबोधित करेंगे।
यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की 27 साल में पहली आधिकारिक यात्रा होगी।

यहां सबसे खास पहल होगी:

भारत की UPI प्रणाली को नामीबिया में लागू करना।

भारत पहले ही अपनी डिजिटल भुगतान प्रणाली को नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका, फ्रांस, UAE और मॉरिशस में सफलतापूर्वक लागू कर चुका है — और अब नामीबिया इसका नया पड़ाव बनेगा।


🔍 एक नजर में दौरे का महत्व

देशअंतिम भारतीय पीएम यात्राखास पहल/कार्य
घाना30 साल पहलेवैक्सीन हब, संसद संबोधन
त्रिनिदाद25 साल पहलेभारतीय समुदाय से संवाद, संसद में भाषण
अर्जेंटीनापहली द्विपक्षीय यात्रारक्षा, ऊर्जा, कृषि समझौते
ब्राज़ीलचौथी बारBRICS सम्मेलन, आतंकवाद पर चर्चा
नामीबिया27 साल पहलेUPI शुरू करने की योजना

📝 निष्कर्ष: यह सिर्फ दौरा नहीं, बल्कि भारत की नई पहचान का विस्तार है

प्रधानमंत्री मोदी का यह 8 दिन का दौरा न सिर्फ राजनीतिक रिश्तों को मज़बूत करेगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि भारत अब आर्थिक, डिजिटल और रणनीतिक रूप से वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है

इस यात्रा के जरिए भारत अफ्रीका, कैरेबियन, लैटिन अमेरिका और BRICS देशों में अपनी उपस्थिति और साझेदारी को और गहरा कर रहा है।

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