देश में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ केंद्र सरकार ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में हाल ही में 160 बांग्लादेशी नागरिकों को, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, दिल्ली-एनसीआर से पकड़कर पहले अगरतला ले जाया गया और फिर उन्हें ज़मीनी रास्ते से बांग्लादेश भेजा गया। यह कार्रवाई रविवार, 25 मई को भारतीय वायुसेना के विशेष विमान की मदद से पूरी की गई।
इन नागरिकों को बीते कुछ दिनों में दिल्ली के बाहरी इलाकों से हिरासत में लिया गया था। पुलिस और प्रवासन विभाग ने मिलकर यह अभियान चलाया। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह कदम अब उस नीति के तहत उठाया जा रहा है जिसमें लंबी कानूनी प्रक्रिया का इंतज़ार किए बिना ऐसे अवैध प्रवासियों को जल्द से जल्द उनके देश वापस भेजा जाए।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद गृह मंत्रालय ने राज्यों को यह निर्देश दिया कि वे अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करें। इसके बाद कई राज्यों में इस दिशा में गंभीर प्रयास किए गए।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि बीते एक महीने में 500 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को देश से वापस भेजा जा चुका है। उदाहरण के लिए, 17 मई को राजस्थान से पकड़े गए लगभग 140 नागरिकों को एयर इंडिया की एक उड़ान के ज़रिए अगरतला भेजा गया। इसी तरह 4 मई को गुजरात में पकड़े गए 300 लोगों को भी इसी रास्ते बांग्लादेश भेजा गया।
23 अप्रैल को दिल्ली से पकड़े गए 80 नागरिकों को पहले ट्रेन के ज़रिए कोलकाता पहुंचाया गया, जहां से उन्हें सीमा सुरक्षा बल की निगरानी में सीमा पार कराया गया।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने 10 मई को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार अब “पुश बैक” नीति पर जोर दे रही है, जिससे अवैध घुसपैठियों को सीधे सीमा पार कराया जा सके। उनका मानना है कि इससे अवैध प्रवेश पर रोक लगाना अधिक प्रभावी हो सकेगा।
जो लोग वैध वीज़ा पर भारत आए थे लेकिन वीज़ा की अवधि समाप्त होने के बाद भी रुके रहे, उन्हें इन कार्रवाइयों से अलग श्रेणी में रखा जा रहा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत ने बांग्लादेश से 2,369 लोगों की नागरिकता की पुष्टि करने को कहा है ताकि उन्हें औपचारिक प्रक्रिया के तहत देश से निकाला जा सके। इनमें से कई मामले 5 वर्षों से अधिक पुराने हैं।
इस अभियान में विभिन्न सरकारी एजेंसियों की भूमिकाएं पहले से तय कर दी गई हैं। एक अधिकारी ने जानकारी दी कि सभी पकड़े गए लोगों के बायोमेट्रिक डेटा इकट्ठा किए जा रहे हैं ताकि भविष्य में वे यदि भारत में फिर से घुसने की कोशिश करें तो उनकी पहचान की जा सके। ये डेटा आधार प्राधिकरण को सौंपा जा रहा है, जो ऐसे लोगों के लिए एक ब्लैकलिस्ट तैयार कर रहा है।
इसी बीच, बांग्लादेश की सेना के सैन्य संचालन निदेशालय के ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद नाज़िम-उद-दौला ने 26 मई को ढाका में बयान दिया कि इस तरह की “पुश इन” गतिविधियों को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में BGB (बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश) हालात को अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत संभाल रही है, लेकिन जरूरत पड़ने पर सेना भी सक्रिय हो सकती है।
गौरतलब है कि अगस्त 2024 में बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ अपने कदम और तेज़ कर दिए हैं। सरकार इस मुद्दे पर अब किसी भी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं दिख रही।
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