“आसमान कभी सीमा नहीं होता”: अंतरिक्ष से बोले भारत के बेटे शुभांशु शुक्ला


नई दिल्ली। भारत के लिए 26 जून की तारीख इतिहास में दर्ज हो गई। 41 साल बाद देश का एक और बेटा अंतरिक्ष में गया, और इस बार वो पहुंचा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अमेरिका की Axiom Space कंपनी के मिशन Axiom-4 के तहत अंतरिक्ष की उड़ान भरी और ISS तक सफर तय किया। इस अभियान में उनके साथ अमेरिका, हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री भी थे।

पीएम मोदी से हुई खास बातचीत

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे अंतरिक्ष में मौजूद शुभांशु शुक्ला से बात की। इस बातचीत में भावनाओं का अलग ही रंग देखने को मिला।
शुक्ला ने बेहद सादगी से कहा:

“अगर हम अपना भविष्य ठीक बनाएं, तो देश का भविष्य भी खुद-ब-खुद उज्ज्वल होगा। और एक बात दिल से कहता हूं—आसमान कभी किसी की सीमा नहीं होता, न आपके लिए, न मेरे लिए और न ही भारत के लिए।”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके को खास बताते हुए कहा कि शुभांशु की यह यात्रा देश के युवाओं को अंतरिक्ष की दुनिया में कदम रखने का नया हौसला देगी।

“यह मेरी नहीं, भारत की उड़ान है”

शुभांशु ने अंतरिक्ष से जो देखा, उसे शब्दों में बयां करते हुए कहा:

“मैं यहां अकेला नहीं हूं, मेरे साथ पूरे भारत की उम्मीदें हैं। ये सिर्फ मेरी यात्रा नहीं, ये हमारे देश की उड़ान है।”

उन्होंने ये भी बताया कि जब उन्होंने अंतरिक्ष से भारत को देखा, तो वो मानचित्र में जितना बड़ा दिखता है, असल में उससे कहीं ज्यादा विशाल और भव्य नजर आता है।

अंतरिक्ष में पहली बार: अनुभव जो हमेशा याद रहेगा

लॉन्चिंग के ठीक बाद के पलों को याद करते हुए शुक्ला ने मुस्कुराते हुए बताया:

“30 दिन के क्वारंटीन के बाद जैसे ही कैप्सूल ‘Grace’ में बैठा, मन बस एक ही बात कह रहा था – चलो, अब उड़ चलें। जब रॉकेट ने ज़मीन छोड़ी, तो सब कुछ जैसे अचानक शांत हो गया। फिर बस एक खालीपन था और हम उसमें तैर रहे थे। वो अहसास जादू जैसा था।”

उन्होंने इस मौके पर पूरी मिशन टीम का आभार जताते हुए कहा कि यह कामयाबी केवल उनकी नहीं, हर उस शख्स की है जो इस सपने को साकार करने में लगा था।

Axiom-4 मिशन: भारत का गौरव बढ़ाने वाला कदम

Axiom-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला ने ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवारी की और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने वाले पहले भारतीय बन गए। उनके साथ इस मिशन में शामिल थे:

  • पेगी विटसन (अमेरिका, पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री)
  • स्लावोस उज़नांस्की (पोलैंड, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी)
  • तिबोर कापू (हंगरी, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी)

मिशन के तहत अंतरिक्ष यान ने तय समय से पहले ही ISS से सफलतापूर्वक जुड़ाव कर लिया। वहां पहुंचने पर चारों अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत किया गया और उन्हें सुरक्षा से जुड़ी ब्रीफिंग दी गई।

देश को पीएम मोदी की शुभकामनाएं

शुभांशु की उड़ान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने X (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक संदेश लिखा:

“भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इस मिशन की सफल लॉन्चिंग पर हम सभी को गर्व है। शुभांशु शुक्ला उन 1.4 अरब भारतीयों की उम्मीदें और आशीर्वाद लेकर अंतरिक्ष में गए हैं। उनके और उनके साथियों के सफल मिशन की कामना करता हूं।”

नया भारत, नई उड़ान

शुभांशु शुक्ला अब अंतरिक्ष में जाने वाले 634वें इंसान और ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बन चुके हैं। यह केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि ये भारत के आत्मविश्वास और वैज्ञानिक प्रगति की नई पहचान है।

और शायद इसीलिए उनके शब्द आज पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन गए हैं:

“आसमान कभी सीमा नहीं होता – न तुम्हारे लिए, न मेरे लिए, और न ही हमारे भारत के लिए।”

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